लंबे समय तक पेनकिलर दवाइयाँ लेने से किडनी पर क्या असर होता है?

आज के तेज़-तर्रार जीवन में सिरदर्द, पीठ दर्द, जोड़ों का दर्द या माहवारी के दर्द जैसी समस्याएँ आम हो गई हैं। इनसे राहत पाने के लिए लोग अक्सर बिना डॉक्टर की सलाह के पेनकिलर दवाइयाँ लेना शुरू कर देते हैं। ये दवाएँ दर्द को अस्थायी रूप से तो कम कर देती हैं, लेकिन अगर इन्हें लंबे समय तक या लगातार लिया जाए, तो ये किडनी (गुर्दे) पर गंभीर असर डाल सकती हैं।

किडनी हमारे शरीर का एक बेहद महत्वपूर्ण अंग है, जो रक्त को फ़िल्टर कर अपशिष्ट पदार्थ और अतिरिक्त पानी को बाहर निकालता है। लेकिन जब किडनी पर बार-बार दवाओं का बोझ पड़ता है, तो इसकी कार्यक्षमता धीरे-धीरे कम होने लगती है, जिससे आगे चलकर किडनी फेल्योर (Kidney Failure) तक की स्थिति बन सकती है।

इस ब्लॉग में हम विस्तार से जानेंगे पेनकिलर दवाइयाँ कैसे किडनी को नुकसान पहुँचाती हैं, कौन-सी दवाइयाँ सबसे ज़्यादा खतरनाक हैं, और इनसे बचने के सही तरीके क्या हैं।

पेनकिलर दवाइयाँ क्या करती हैं?

पेनकिलर दवाएँ शरीर में दर्द पैदा करने वाले रासायनिक तत्वों  के असर को कम करती हैं।
ये तत्व शरीर में सूजन और दर्द को नियंत्रित करते हैं, लेकिन इनका काम रक्त प्रवाह को भी बनाए रखना होता है खासकर किडनी तक पहुँचने वाला रक्त प्रवाह।

जब आप बार-बार पेनकिलर लेते हैं, तो ये दवाएँ प्रोस्टाग्लैंडिन्स के उत्पादन को रोक देती हैं, जिससे किडनी तक जाने वाला रक्त प्रवाह घट जाता है।
नतीजतन, किडनी को पर्याप्त ऑक्सीजन और पोषक तत्व नहीं मिल पाते और धीरे-धीरे उसकी कोशिकाएँ क्षतिग्रस्त होने लगती हैं।

सबसे ज़्यादा नुकसान NSAIDs (Non-Steroidal Anti-Inflammatory Drugs) वर्ग की दवाओं से होता है, इन दवाओं का लंबे समय तक सेवन करने से किडनी पर अत्यधिक दबाव पड़ता है।
कई बार मरीजों को दर्द की आदत पड़ जाती है और वे महीनों तक बिना प्रिस्क्रिप्शन के ये दवाएँ लेते रहते हैं — यही सबसे खतरनाक स्थिति होती है।

लंबे समय तक पेनकिलर लेने से किडनी पर क्या असर होता है?

नीचे बताया गया है कि कैसे पेनकिलर दवाएँ धीरे-धीरे किडनी को नुकसान पहुँचाती हैं

1. किडनी में रक्त प्रवाह कम होना

NSAIDs दवाएँ प्रोस्टाग्लैंडिन्स को रोकती हैं, जिससे किडनी तक खून का प्रवाह घट जाता है।
नतीजतन, किडनी को पर्याप्त पोषण नहीं मिलता और वह सही से काम नहीं कर पाती।

2. एक्यूट किडनी इंजरी

अगर लंबे समय तक पेनकिलर ली जाए, तो अचानक किडनी का काम करना बंद हो सकता है।
मरीज को पेशाब में कमी, सूजन और थकान जैसी समस्याएँ हो सकती हैं।

3. क्रॉनिक किडनी डिज़ीज़

लगातार महीनों या वर्षों तक पेनकिलर लेने से किडनी की कार्यक्षमता धीरे-धीरे घटती जाती है, जो अंत में किडनी फेल्योर का कारण बन सकती है।

4. पोटैशियम बढ़ना

किडनी ठीक से काम न करे तो शरीर में पोटैशियम जमा होने लगता है, जिससे हृदय की धड़कन अनियमित हो सकती है यह स्थिति जानलेवा साबित हो सकती है।

5. दवा-जनित नेफ्रोपैथी

यह एक मेडिकल स्थिति है जिसमें लंबे समय तक दर्दनिवारक दवाओं के इस्तेमाल से किडनी की ऊतक स्थायी रूप से क्षतिग्रस्त हो जाते हैं।

किन लोगों में पेनकिलर से किडनी को ज़्यादा नुकसान होता है?

कुछ लोग दूसरों की तुलना में पेनकिलर से जल्दी प्रभावित हो सकते हैं, जैसे:

  • उम्रदराज़ व्यक्ति (60 वर्ष से अधिक)
  • डायबिटीज़ या हाई ब्लड प्रेशर के मरीज
  • पहले से किडनी या हृदय रोग वाले मरीज
  • डिहाइड्रेशन (पानी की कमी) से पीड़ित व्यक्ति
  • जो लोग पहले से कई दवाइयाँ ले रहे हों

किडनी पर असर के लक्षण

अगर पेनकिलर के कारण किडनी को नुकसान हो रहा है, तो शरीर कुछ संकेत देता है

  • बार-बार थकान या कमजोरी महसूस होना
  • पैरों या चेहरे पर सूजन
  • पेशाब का कम आना या झागदार पेशाब
  • भूख में कमी, मिचली या उल्टी
  • ब्लड प्रेशर का बढ़ना
  • पीठ या कमर में हल्का दर्द

यदि ये लक्षण लगातार बने रहें, तो तुरंत डॉक्टर से जांच करवानी चाहिए।

पेनकिलर लेते समय किन बातों का ध्यान रखें?

  1. डॉक्टर की सलाह के बिना कोई भी पेनकिलर लंबे समय तक न लें।
  2. दर्द के कारण का इलाज कराएँ, सिर्फ दर्द दबाएँ नहीं।
  3. जरूरत से ज़्यादा खुराक न लें।
  4. पर्याप्त पानी पिएं ताकि किडनी पर दवा का असर कम हो।
  5. दवाओं के बीच अंतराल रखें लगातार सेवन न करें।
  6. अगर पहले से डायबिटीज़, ब्लड प्रेशर या किडनी की समस्या है, तो हर बार दवा लेने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।

सुरक्षित विकल्प क्या हैं?

कई बार हल्के दर्द के लिए पेनकिलर की जगह प्राकृतिक या गैर-दवाई विकल्प अपनाए जा सकते हैं, जैसे:

  • गर्म या ठंडा सेक
  • हल्का योग और स्ट्रेचिंग
  • पर्याप्त नींद और संतुलित आहार
  • ध्यान और रिलैक्सेशन तकनीकें

इनसे दर्द में राहत मिलती है और किडनी पर कोई साइड इफेक्ट नहीं होता।

निष्कर्ष

पेनकिलर दवाएँ राहत तो देती हैं, लेकिन लगातार सेवन से यह किडनी के लिए जहर साबित हो सकती हैं।
अगर दर्द बार-बार हो रहा है, तो उसकी जड़ को पहचानना ज़रूरी है, न कि सिर्फ दवा से उसे दबाना।

Dr. R.N. Daga, जो कि जयपुर के अनुभवी यूरोलॉजिस्ट हैं, के अनुसार —

“लोग दर्द से राहत के लिए बिना सोचे-समझे पेनकिलर ले लेते हैं, लेकिन यह उनकी किडनी को धीरे-धीरे कमजोर बना देता है। समय रहते जांच और सही सलाह से इस नुकसान को रोका जा सकता है।”

Dr. Daga Urocare में किडनी और मूत्र संबंधी रोगों का सटीक निदान और आधुनिक उपचार उपलब्ध है।
यह क्लिनिक अत्याधुनिक तकनीक, अनुभव और व्यक्तिगत देखभाल के लिए जाना जाता है और शहर के Best Urologist in Jaipur में से एक माना जाता है।

याद रखें:दर्द भले ही अस्थायी हो, लेकिन गलत दवाइयों का असर स्थायी हो सकता है।
अपनी किडनी की रक्षा करें  क्योंकि यही आपके शरीर की असली सफाई मशीन है।

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